विश्वकर्मा पूजा 2025: भगवान विश्वकर्मा और सृजन का पर्व
- Karmic Code
- Sep 16
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भारत के हर त्योहार की तरह विश्वकर्मा पूजा भी केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि श्रम, नवाचार और सृजन का उत्सव है। यह पर्व समर्पित है भगवान विश्वकर्मा को — जिन्हें वेदों और पुराणों में दिव्य वास्तुकार, देवताओं के शिल्पी और ब्रह्मांड के प्रथम इंजीनियर के रूप में वर्णित किया गया है।

भगवान विश्वकर्मा कौन हैं?
भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का शिल्पकार कहा जाता है। उन्होंने न केवल देवताओं के लिए अद्भुत महल और अस्त्र-शस्त्र बनाए, बल्कि मानव सभ्यता के लिए भी निर्माण और तकनीक की नींव रखी। उनके प्रसिद्ध कार्यों में शामिल हैं:
स्वर्गलोक और देवताओं के दिव्य भवन
श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी
हस्तिनापुर और इंद्रप्रस्थ जैसे नगर
पुष्पक विमान
अस्त्र-शस्त्र जैसे इंद्र का वज्र, सुदर्शन चक्र, और त्रिशूल

विश्वकर्मा पूजा 2025 कब है?
17 सितंबर, 2025 को पूरे भारत में विश्वकर्मा पूजा मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से कारीगरों, शिल्पकारों, इंजीनियरों और मशीनों के साथ काम करने वाले लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
अपने औजारों और मशीनों की पूजा करना
कार्यस्थल को सजाना और शुद्ध करना
भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र के समक्ष पूजा-अर्चना करना
प्रसाद और भोग बांटना
माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से काम में सफलता, सुरक्षा और समृद्धि प्राप्त होती है।
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संदेश
विश्वकर्मा पूजा हमें यह सिखाती है कि हर निर्माण, हर तकनीक और हर कौशल ईश्वरीय शक्ति का ही विस्तार है। यह दिन कड़ी मेहनत, नवाचार और श्रम को सम्मान देने का अवसर है।
निष्कर्ष
विश्वकर्मा पूजा 2025 केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि यह सृजन, कौशल और समर्पण का उत्सव है। भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से हम अपने काम को और अधिक निष्ठा और रचनात्मकता के साथ कर पाते हैं।




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